×

किम जोंग-उन बोले: उत्तर कोरिया ने विकसित किए 'गुप्त हथियार'

News from Bhopal, Madhya Pradesh News, Heritage, Culture, Farmers, Community News, Awareness, Charity, Climate change, Welfare, NGO, Startup, Economy, Finance, Business summit, Investments, News photo, Breaking news, Exclusive image, Latest update, Coverage, Event highlight, Politics, Election, Politician, Campaign, Government, prativad news photo, top news photo, प्रतिवाद, समाचार, हिन्दी समाचार, फोटो समाचार, फोटो
Place: दिल्ली                                                👤By: prativad                                                                Views: 1475

23 सितंबर 2025। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने दावा किया है कि देश ने अमेरिका और उसके सहयोगियों के खिलाफ रक्षा क्षमता मजबूत करने के लिए "गुप्त हथियार" तैयार किए हैं। उनकी यह टिप्पणी उस समय आई है जब प्योंगयांग ने हाल ही में लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल के लिए ठोस ईंधन वाले इंजन का सफल परीक्षण करने की घोषणा की थी।

सरकारी समाचार एजेंसी KCNA द्वारा प्रसारित भाषण में किम ने कहा कि उत्तर कोरिया को "सभी सैन्य खतरों से निपटने के लिए और भी शक्तिशाली हथियार बनाने होंगे।" उन्होंने वाशिंगटन और उसके सहयोगियों पर क्षेत्र में तनाव बढ़ाने और उत्तर कोरिया की सुरक्षा चिंताओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया।

किम ने बिना विस्तार बताए कहा कि देश ने "नए गुप्त हथियार हासिल किए हैं और रक्षा विज्ञान में अहम शोध पूरे किए हैं।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि प्योंगयांग ने नौसैनिक संप्रभुता की रक्षा के लिए ऐसे विध्वंसक (डिस्ट्रॉयर) तैयार किए हैं जो "विभिन्न समुद्री मिशनों को अंजाम देने में सक्षम" हैं।

हाल के महीनों में किम लगातार सैन्य प्रौद्योगिकियों पर जोर देते दिखे हैं। इस महीने की शुरुआत में उन्होंने ह्वासांग-20 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल के इंजन का परीक्षण देखा, जो अमेरिका तक पहुंचने में सक्षम बताई जाती है। पिछले सप्ताह उन्होंने कुमसोंग नामक सामरिक ड्रोन और एक रणनीतिक जासूसी विमान के परीक्षणों की निगरानी की, जबकि मार्च में वे AI-आधारित 'आत्मघाती ड्रोन' के परीक्षण में भी मौजूद रहे।

अपने भाषण में किम ने 'चरणबद्ध परमाणु निरस्त्रीकरण' की अवधारणा को खारिज करते हुए दोहराया कि "उत्तर कोरिया कभी अपने परमाणु हथियार नहीं छोड़ेगा।" उन्होंने इसे देश का "राष्ट्रीय कानून" बताया। हालांकि, उन्होंने संकेत दिया कि अगर अमेरिका "निरस्त्रीकरण की ज़िद छोड़कर वास्तविकता स्वीकार करता है," तो दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने की गुंजाइश हो सकती है।

Related News

Global News