
26 सितंबर 2025। संयुक्त राष्ट्र में रूस के डिप्टी एंबेसडर दिमित्री पोलयांस्की ने चेतावनी दी है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बेकाबू विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा की दौड़ इंसानियत के अस्तित्व तक को खतरे में डाल सकती है।
UN सुरक्षा परिषद में उठी चिंता
AI पर सुरक्षा परिषद की ब्रीफिंग में बोलते हुए पोलयांस्की ने कहा कि बिना पर्याप्त सुरक्षा उपायों और नियमों के यह तकनीक हथियारों की दौड़ की तरह ही खतरनाक साबित हो सकती है। उनके मुताबिक, अनियंत्रित AI न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय स्थिरता को प्रभावित करेगा बल्कि सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैलाकर चुनावों और जनमत को भी प्रभावित कर सकता है। साथ ही यह महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर हमले की क्षमता भी रखता है।
'जल्दबाजी नहीं, पर चर्चा ज़रूरी'
रूसी प्रतिनिधि ने कहा कि इस मुद्दे को सुरक्षा परिषद में तुरंत लाना जल्दबाजी होगी, लेकिन उन्होंने समावेशी मंचों पर गहन चर्चा की वकालत की। रूस ने साफ किया कि वह AI गवर्नेंस में UN की भूमिका का समर्थन करेगा।
UN महासचिव की चेतावनी
महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी कहा कि AI भले ही खाद्य संकट, लैंडमाइन हटाने और संघर्ष रोकथाम जैसे कामों में मददगार हो सकता है, लेकिन सुरक्षा उपायों के बिना इसे हथियार के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि हाल ही में महासभा ने गवर्नेंस और सहयोग के लिए दो नए AI निकाय – एक वैश्विक मंच और एक विशेषज्ञ पैनल – बनाए हैं।
टेक दिग्गजों का अरबों डॉलर का दांव
तीन साल पहले ChatGPT की शुरुआत के बाद से AI में जबरदस्त उछाल आया है। मेटा, माइक्रोसॉफ्ट, अमेज़न और अल्फाबेट जैसी कंपनियों ने इस क्षेत्र में अरबों डॉलर झोंक दिए हैं और 2026 तक 400 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश करने की योजना है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सख्त सुरक्षा ढांचा नहीं बना तो यह उछाल वित्तीय संकट या खतरनाक AI आपदा का कारण बन सकता है।