4 दिसंबर 2025। मध्यप्रदेश की राजधानी में चल रहे शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन विधानसभा का माहौल सुनियोजित बजट समीक्षाओं, विरोध प्रदर्शन और पुरानी गर्म राजनीति के रंगों के बीच दिखा।
◼️ अनुपूरक बजट पर बहस शुरू
आज सदन में 13,476.94 करोड़ रुपये के द्वितीय अनुपूरक बजट (Supplementary Budget) पर चर्चा शुरू हुई। इस प्रस्ताव में ग्रामीण विकास, महिला एवं बाल कल्याण, किसानों के लिये राहत, पेयजल–सिंचाई, नगर निकायों व बुनियादी ढांचा के लिए बड़े प्रावधान शामिल हैं।
विपक्षी दल ने बजट को “संख्याओं का पर्चा” बताया और कहा कि उन्होंने पैसों की बजाय जनता की वास्तविक समस्याओं — जैसे खाद, बिजली, विस्थापन, रोजगार — को प्राथमिकता देनी चाहिए। कुछ कांग्रेस विधायकों ने इसे “अपर्याप्त और जनहित से दूर” बताया।
◼️ कांग्रेस का बेहद असामान्य प्रदर्शन — बंदर वेश में विधायक
बजट चर्चा से पहले विधानसभा परिसर में एक ऐसा दृश्य सामने आया जिसने सदन की गरिमा के साथ-साथ राजनीति-प्रदर्शन की नई परिभाषा तय कर दी। एक विधायक, Sunil Uikey, ने बंदर का मास्क और वेश पहनकर “बंदर के हाथ में उस्तरा” की थापी हुई नारेबाजी के साथ सदन में प्रवेश किया। उनके हाथ में “उस्तरा” और पोस्टर थे — इसे सरकार की कथित “जनविरोधी” नीतियों का प्रतीक बताया गया।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि इसका मकसद सरकार को झटका देना था, ताकि राज्य के किसानों, श्रमिकों और गरीबों की पीड़ा को ध्यान से सुना जाए। वहीं, सत्ता पक्ष ने इसे सदन की मर्यादा का अपमान मानकर साफ नारा दिया कि ऐसा प्रदर्शन स्वीकार्य नहीं है।
◼️ विधानसभा परिसर में चोरों ने काट दिए चंदन के पेड़
मध्य प्रदेश विधानसभा की सुरक्षा में तैनात एक हजार पुलिस बल, फिर भी परिसर में घुसकर रात में चोरों ने काट दिए चंदन के पेड़। दो पेड़ों पर चलाई कुल्हाड़ी, शोर होने पर भागे।
चंदन के पेड़ कटाई के मामले में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने दिया बयान। कहा, "जो भी उचित कार्रवाई होगी हम करेंगे। इस मामले में सरकार निर्णय लेकर एक्शन लेगी।"
◼️ विपक्ष का आरोप: बजट सिर्फ दिखावा, जमीन पर मायूसी
विधायकों ने कहा कि बजट में बड़े प्रावधानों के बावजूद उन क्षेत्रों की हालत जस की तस है — संतोषजनक नहीं। कई विधायक यह तर्क दे रहे हैं कि बजट योजनाएं खाली घोषणाएं बनकर रह गई हैं, जबकि गरीब और किसान अपेक्षित राहत नहीं पा रहे। बिजली, सिंचाई, समर्थन मूल्य, पेयजल — इन सभी पर काम धीमा अब तक रहा है।














