27 नवंबर 2025। मध्य प्रदेश में विधानसभा का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू हो रहा है। यह सत्र सिर्फ पांच दिन चलेगा, लेकिन कांग्रेस इसे सरकार को घेरने के मौके के तौर पर देख रही है। कानून व्यवस्था, किसानों को समर्थन मूल्य, युवाओं से जुड़े वादे और सरकारी घोटालों जैसे मुद्दों पर विपक्ष सदन में आक्रामक रुख अपनाने की तैयारी कर रहा है।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने 30 नवंबर की शाम कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई है। इसमें सत्र की रणनीति तय की जाएगी। सिंघार का कहना है कि सरकार मुद्दों से बचने के लिए सत्र की अवधि कम रख रही है, लेकिन कांग्रेस जनता के सवालों को जोरदार तरीके से उठाएगी।
सिंघार ने कहा कि बैठक में यह तय होगा कि आधे सप्ताह से भी कम समय वाले इस सत्र में जनता से जुड़े मुद्दों को कैसे सबसे प्रभावी तरीके से रखा जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों को समर्थन मूल्य न देना, युवाओं को रोजगार के नाम पर भ्रमित करना और प्रदेश में लगातार बिगड़ते कानून व्यवस्था को लेकर सरकार जवाबदेह है।
कांग्रेस ने साफ कहा है कि वह सरकार की विफल नीतियों और कथित घोटालों को सदन में रखेगी और जनता की आवाज बनकर चर्चा करवाने की कोशिश करेगी।
सत्र में चार बैठकें, सरकार लाएगी महत्वपूर्ण विधेयक
इस शीतकालीन सत्र में कुल चार बैठकें होंगी। सरकार नगरपालिका संशोधन विधेयक पेश करने जा रही है, जिसमें नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्षों का चुनाव सीधे जनता द्वारा किए जाने का प्रावधान होगा। साथ ही राइट टू रिकॉल का क्लॉज भी जोड़ा जाएगा, यानी जनता अपने चुने हुए अध्यक्ष को कार्यकाल के बीच में वापस बुला सकेगी।
कमी समय वाला यह सत्र विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों के लिए चुनौती है, और अब नजर इस बात पर रहेगी कि राजनीतिक गर्मी सदन में कितनी बढ़ती है।














