29 नवंबर 2025। मध्य प्रदेश में विधायकों की सैलरी बढ़ाने की प्रक्रिया आगे बढ़ गई है। पार्लियामेंट्री अफेयर्स विभाग ने बढ़ोतरी को लेकर ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। सरकार की ओर से बनाई गई कमेटी 1 दिसंबर को इसकी अंतिम समीक्षा करेगी। सहमति बनने पर सरकार इसे आने वाले विंटर सेशन में विधानसभा के सामने रखेगी।
कमेटी के सदस्य और पूर्व विधायक अजय विश्नोई ने बताया कि चुने हुए प्रतिनिधियों की सैलरी पर अंतिम बैठक 1 दिसंबर को होगी। बिल 2 दिसंबर को पेश किए जाने की उम्मीद है।
कमेटी इससे पहले दो बार बैठक कर चुकी है। पिछले सेशन में विभिन्न राज्यों की तुलना की गई तो पता चला कि छत्तीसगढ़ के विधायक कहीं अधिक वेतन पाते हैं। कमेटी के एक सदस्य के अनुसार, हर राज्य की अपनी जरूरतें होती हैं और उसी आधार पर निर्णय लिया जाएगा।
फिलहाल एमपी में विधायकों को 30 हजार रुपये बेसिक सैलरी मिलती है। अन्य भत्तों को जोड़कर यह लगभग 1,10,000 रुपये प्रति माह हो जाता है। प्रस्ताव है कि कुल राशि बढ़ाकर करीब 1,65,000 रुपये या उससे अधिक की जा सकती है, यानी लगभग 60 हजार रुपये की बढ़ोतरी।
वेतन बढ़ाने का मुद्दा पिछले सत्र में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने उठाया था। उनका कहना था कि कई सरकारी कर्मचारी भी विधायकों से अधिक वेतन पा रहे हैं। स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर ने मामले की जांच का निर्देश दिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सकारात्मक रुख दिखाते हुए सैलरी और भत्तों की समीक्षा के लिए कमेटी गठित कर दी।














