अग्नि-5 के बाद अब भारत बनायेगा 12000 KM मारक क्षमता वाली मिसाइल

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Place: Bhopal                                                👤By: PDD                                                                Views: 19038

26 दिसम्बर 2016, भारत ने आज परमाणु क्षमता से युक्त अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया, जिसकी मारक क्षमता 5000 किलोमीटर है. इसके माध्‍यम से 5,000 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित लक्ष्य को आसानी से भेदा जा सकेगा. वहीं अब भारत अपने तरकश में 10000-12000 किलोमीटर तक मार करने वाली मिसाइल शामिल करने की तैयारी में लग सकता है. इस प्रकार का मिसाइल तैयार करने के बाद भारत की जद में पूरी दुनिया होगी. अभी अमेरिका, रूस और चीन के पास 10000 किलोमीटर से ज्‍यादा मारक क्षमता वाली मिसाइले हैं.



सोमवार के परीक्षण के बाद रक्षा सूत्रों ने कहा कि आज के सफल परीक्षण से सबसे शक्तिशाली भारतीय मिसाइल के प्रायोगिक परीक्षण और अंतिम तौर पर इसे स्पेशल फोर्सेस कमांड (एसएफसी) में शामिल करने का रास्ता साफ हो गया है. डीआरडीओ ने कहा कि करीब 17 मीटर लंबे और 50 टन वजन वाले इस मिसाइल ने अपने सभी लक्ष्यों को भेदने में सफलता प्राप्त की. अग्नि श्रृंखला का यह सबसे आधुनिक मिसाइल है, जिसमें नेविगेशन, गाइडेंस, वारहेड और इंजन से जुड़ी नयी तकनीकों को शामिल किया गया है. मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत है कि यह पूर्ण रूप से स्‍वदेशी है.



रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) में आर्मामेंट रिसर्च बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. एस के सलवान ने कुछ वर्ष पूर्व ही संकेत दिये थे कि भारत 10000 किलोमीटर से अधिक दूरी की मारक क्षमता वाला मिसाइल बनाना चाहता है. उन्‍होंने एक सम्‍मेलन के इतर कहा था, 'भारत ने परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम अग्नि-5 मिसाइल का हाल ही में सफल परीक्षण किया है, जिसकी मारक क्षमता 5,000 किलोमीटर है. लेकिन हम आईसीबीएम विकसित करने में सक्षम हैं जो 10,000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक निशाना साध सकती है.'



सलवान ने कहा कि आने वाले समय में भी मिसाइलों का निमार्ण अग्नि श्रृंखला में ही की जा सकती है. 'अग्नि 6' के जमीनी संस्करण के अलावा डीआरडीओ साथ-साथ इसके भूमिगत संस्करण पर भी काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देशों द्वारा लेजर प्रौद्योगिकी के कलपुर्जे पर आयात पर प्रतिबंध के बाद भारत ने लेजर प्रौद्योगिकी का स्वदेशी स्तर पर विकास किया और आत्मनिर्भर बना है.



मौजूदा समय में अमेरिका, रूस और चीन के पास 10000 किलोमीटर से ज्‍यादा दूरी तक मारक क्षमता वाले मिसाइल हैं. अमेरिका के पास परमाणु क्षमता सम्पन्न सबसे प्रमुख मिसाइल मिनुटेमन-3 है, जिसकी मारक क्षमता 13,000 किलोमीटर तक है. यह मिसाइल 500 की संख्या में 2020 के लिए सेवारत है. इसके बाद मिनुटेमन-4 इसकी जगह ले लेगी. जिसकी मारक क्षमता इससे ज्‍यादा हो सकती है. अमेरिका के पास पनडुब्बी से छोड़ी जा सकने वाली मिसाइल ट्राइडेंट डी-5 भी है, जो 12,000 किलोमीटर तक वार कर सकती है और 2,800 किलोग्राम तक विस्फोटक ले जा सकती है.



दूसरी ओर रूस के पास आरएस-24 मिसाइल है, जिसके बारे में माना जाता है कि यह 10,500 किलोमीटर तक वार करने में सक्षम है. यह आरटी-2यूटीटीएच टोपोल-एम का उन्नत संस्करण है, जो 1,200 किलोग्राम का विस्फोटक ले जाने में सक्षम है. रूस कई और उच्च प्रहार क्षमता वाली मिसाइलों का विकास कर रहा है.



अमेरिका और रूस के बाद चीन भी लंबी दूरी तक मार करने वाले मिसाइल बनाने में सफल हुआ है. चीन की प्रमुख अंतरमहाद्विपीय बैलेस्टिक मिसाइल डीएफ-5ए की क्षमता 13,000 किलोमीटर तक माना जाता है. यह मिसाइल 3,200 किलोग्राम तक विस्फोट ले जा सकती है. चीन के पास भी पनडुब्बी से छोड़ी जा सकने वाली जेएल-2 मिसाइल है, जो 8,000 किलोमीटर तक वार कर सकती है.

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