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भोपाल: 30 सितंबर 2023। हिंद महासागर में चीन की बढ़ती उपस्थिति भारत के लिए एक बड़ा चिंता का विषय है। चीन ने हाल के वर्षों में हिंद महासागर में अपनी नौसैनिक और आर्थिक उपस्थिति में काफी वृद्धि की है। चीन के इस बढ़ते दबदबे से भारत की सुरक्षा और आर्थिक हितों को खतरा है।
चीन ने हिंद महासागर में कई नौसैनिक ठिकाने और बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है। चीन ने श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह और पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह में अपना नियंत्रण बढ़ाया है। चीन ने मालदीव और इंडोनेशिया में भी अपने सैन्य आधार बनाने के लिए बातचीत की है।
चीन की हिंद महासागर में बढ़ती उपस्थिति से भारत के लिए निम्नलिखित खतरे उत्पन्न हो रहे हैं:
भारत की सुरक्षा पर खतरा: चीन की बढ़ती नौसैनिक उपस्थिति से भारत की सुरक्षा पर खतरा बढ़ गया है। चीन के पास अब हिंद महासागर में भारत के मुकाबले अधिक शक्तिशाली नौसेना है। चीन भारत के समुद्री व्यापार मार्गों को अवरुद्ध कर सकता है या भारत के खिलाफ सैन्य कार्रवाई कर सकता है।
भारत के आर्थिक हितों पर खतरा: चीन की बढ़ती आर्थिक उपस्थिति से भारत के आर्थिक हितों पर खतरा बढ़ गया है। चीन भारत के प्रमुख व्यापारिक भागीदार है। चीन भारत को कच्चा माल और उत्पादों की आपूर्ति करता है। चीन भारत के बाजार में भी काफी बड़ा हिस्सा रखता है। चीन अपनी बढ़ती आर्थिक उपस्थिति का उपयोग भारत को दबाव बनाने के लिए कर सकता है।