कैंसर का इलाज अब भारत में! पहली बार भारतीय थेरेपी से मरीज कैंसर मुक्त घोषित

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 1587

10 फरवरी 2024। भारतीय चिकित्सा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए, पहली बार एक मरीज को CAR-T सेल थेरेपी के माध्यम से कैंसर मुक्त घोषित किया गया है। यह थेरेपी भारत में विकसित की गई है और यह विदेशों में उपलब्ध समान थेरेपी की तुलना में काफी सस्ती है।

डॉ. वीके गुप्ता, दिल्ली में रहने वाले एक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, इस थेरेपी से लाभान्वित होने वाले पहले मरीज हैं। 28 साल के भारतीय सेना के अनुभवी डॉ. गुप्ता को केवल 42 लाख रुपये में यह थेरेपी मिली, जबकि विदेशों में इसी तरह की थेरेपी की कीमत 4 करोड़ रुपये से अधिक है।

NexCAR19 नामक यह थेरेपी ImmunoACT द्वारा विकसित की गई है, जो IIT बॉम्बे और टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल में स्थापित एक कंपनी है। यह थेरेपी बी-सेल कैंसर (जैसे कि ल्यूकेमिया और लिम्फोमा) के इलाज पर केंद्रित है।

सीडीएससीओ ने पिछले साल अक्टूबर में इस थेरेपी के व्यावसायिक उपयोग को मंजूरी दी थी। यह अभी भारत के 10 शहरों के 30 अस्पतालों में उपलब्ध है। 15 साल से अधिक आयु के बी-सेल कैंसर से पीड़ित मरीज इस थेरेपी से लाभ उठा सकते हैं।

CAR-T सेल थेरेपी एक एडवांस तकनीक है जो मरीज के शरीर में मौजूद टी-सेल्स को कैंसर से लड़ने के लिए तैयार करती है। इस थेरेपी में, मरीज के शरीर से टी-सेल्स निकाले जाते हैं और उन्हें प्रयोगशाला में संशोधित किया जाता है। इन संशोधित टी-सेल्स को फिर मरीज के शरीर में वापस डाला जाता है, जहां वे कैंसर कोशिकाओं को पहचानते हैं और उन्हें नष्ट करते हैं।

यह थेरेपी गंभीर बी-सेल कैंसर के इलाज में एक महत्वपूर्ण सफलता है। यह उन मरीजों के लिए आशा की किरण है जिनके लिए अन्य सभी उपचार विफल हो चुके हैं।

यह उपलब्धि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान और विकास की शक्ति को दर्शाती है। यह भारत में कैंसर के रोगियों के लिए बेहतर इलाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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