भोपाल: 12 मार्च 2024। एलन मस्क की टेस्ला को भारत में प्रवेश करने के लिए इंतजार करना होगा, क्योंकि सरकार ने कंपनी की मांगों को पूरा करने के लिए अपनी नीतियों में बदलाव करने से इनकार कर दिया है। टेस्ला ने भारत में आयात शुल्क में कटौती की मांग की थी, ताकि वह अपनी कारों को अधिक किफायती दामों पर बेच सके।
'दर्जी नीतियां' नहीं
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार किसी एक कंपनी के लिए "दर्जी नीतियां" नहीं बनाएगी। उन्होंने कहा कि भारत कई वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अपनी नीतियां बना रहा है, न कि केवल टेस्ला को।
उच्च आयात शुल्क:
वर्तमान में, भारत में आयातित कारों पर 100% सीमा शुल्क लगता है, जिसके कारण टेस्ला की कारें भारतीय उपभोक्ताओं के लिए बहुत महंगी हो जाती हैं। टेस्ला ने भारत में अपनी पहली विनिर्माण इकाई स्थापित करने के लिए पूर्व शर्त के रूप में टैरिफ रियायतें मांगी थीं।
सरकार का रुख:
सरकार का कहना है कि वह इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन यह सभी कंपनियों के लिए समान नियम लागू करेगा। सरकार का मानना है कि टेस्ला को भारत में उत्पादन शुरू करने से पहले भारतीय बाजार की प्रतिस्पर्धी प्रकृति को स्वीकार करना होगा।
वैकल्पिक निवेशक:
सरकार यूरोप, अमेरिका, सुदूर पूर्व, जापान और कोरिया के "संभावित निवेशकों" के साथ सहयोग पर काम कर रही है। इन निवेशकों को भारत में ईवी उद्योग में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
टाटा का दबदबा:
वर्तमान में, भारतीय ईवी बाजार पर स्थानीय दिग्गज टाटा का दबदबा है, जिसके चार मॉडल बाजार में हैं। टेस्ला के भारत में प्रवेश करने से टाटा को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा।
निष्कर्ष:
टेस्ला को भारत में प्रवेश करने के लिए अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता होगी। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह कंपनी की मांगों को पूरा करने के लिए अपनी नीतियों में बदलाव नहीं करेगी। टेस्ला को भारत में सफल होने के लिए भारतीय बाजार की प्रतिस्पर्धी प्रकृति को स्वीकार करना होगा।
भारत ने टेस्ला के अनुरूप 'दर्जी नीतियां' बनाने से इनकार किया
Location:
भोपाल
👤Posted By: prativad
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