
1 अगस्त 2025। मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का पाँचवां दिन शुक्रवार को खासा हंगामेदार रहा। एक ओर जहां कांग्रेस ने प्रदेश में खाद की भारी कमी और किसानों की समस्याओं को लेकर विधानसभा परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया, वहीं सदन के भीतर मंत्री विजय शाह के पुराने बयान को लेकर तीखी नोकझोंक हुई। इस दौरान भाजपा अध्यक्ष एवं विधायक हेमंत खंडेलवाल के सवाल पर भी सदन में बहस छिड़ गई।
खाद की कमी पर कांग्रेस का प्रदर्शन
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने खाद की प्रतीकात्मक बोरियाँ और नैनो उर्वरक की बोतलें लेकर विधानसभा परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश भर में उर्वरक की भारी किल्लत है, जिससे किसान बेहाल हैं, लेकिन सरकार समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही।
सदन में विजय शाह के खिलाफ नारों के बीच हंगामा
प्रश्नोत्तर काल के दौरान जब मंत्री विजय शाह कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के प्रश्न का उत्तर दे रहे थे, तभी कांग्रेस विधायक फूल सिंह बेरैया ने उन्हें बीच में रोकते हुए कर्नल सोफिया कुरैशी से जुड़े पुराने विवाद को उठाया और कहा कि मंत्री ने भारतीय सेना की महिला अधिकारी का अपमान किया है, ऐसे में उन्हें पद से हटाया जाना चाहिए।
इस मुद्दे पर विपक्ष ने जमकर नारेबाजी की और विजय शाह के इस्तीफे की मांग की, जिससे सदन में तीखा गतिरोध उत्पन्न हो गया। लगातार बढ़ते हंगामे को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। बाद में कार्यवाही को 4 अगस्त तक स्थगित कर दिया गया।
भाजपा अध्यक्ष के सवाल पर विपक्ष का कटाक्ष
सत्र के दौरान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक हेमंत खंडेलवाल ने पीएचई मंत्री से पूछा कि बैतूल जिले में कितने उप यंत्री और सहायक यंत्री पदस्थ हैं और कितने पद स्वीकृत हैं। इस पर कांग्रेस ने चुटकी लेते हुए कहा कि जब भाजपा अध्यक्ष को भी सरकार से जानकारी माँगनी पड़ रही है, तो यह सरकार की पारदर्शिता पर बड़ा सवाल है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, "जब पार्टी के अध्यक्ष को भी विभाग की जानकारी नहीं मिल रही, तो आम जनता का क्या हाल होगा?"
इस पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने व्यंग्यात्मक अंदाज में जवाब दिया, “यही तो हमारी खूबसूरती है।”
खंडेलवाल ने स्पष्ट किया, “मैं भाजपा अध्यक्ष होने के साथ-साथ विधायक भी हूँ, और हर विधायक को सदन में सवाल पूछने का अधिकार है।”
आगे की कार्यवाही और चर्चा के मुद्दे
शुक्रवार को प्रश्नकाल के बाद ध्यानाकर्षण प्रस्तावों और अशासकीय संकल्पों पर चर्चा प्रस्तावित थी। कुल 13 विधायकों ने विभिन्न विषयों पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिए थे, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई, रोजगार, और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दे शामिल हैं। हालांकि विपक्ष के आक्रामक रुख और बार-बार होने वाले व्यवधानों के चलते कई विषयों पर चर्चा प्रभावित रही।