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विधानसभा मानसून सत्र में आदिवासी अधिकार, शिक्षा सुधार और खाद संकट छाए रहे मुद्दे

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 1635

4 अगस्त 2025। मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के छठवें दिन की कार्यवाही में कई अहम विषयों पर चर्चा हुई। सदन में आदिवासियों के वनाधिकार, किसानों को खाद की उपलब्धता, नई जनपद पंचायत का गठन, शिक्षा क्षेत्र में बदलाव, और महत्वपूर्ण विधेयकों की प्रस्तुति जैसे मुद्दे प्रमुख रहे।

◼️ आदिवासियों की ज़मीन और वनाधिकार पर गरमा-गरम बहस
वनाधिकार कानून के तहत पट्टों की वैधता और निरस्त दावों पर विपक्ष ने सरकार को घेरा। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, अजय सिंह, और हीरालाल अलावा ने हजारों निरस्त याचिकाओं पर सवाल उठाए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जवाब में बताया कि भाजपा सरकार ने अब तक 26,500 से अधिक पट्टे बांटे हैं। आदिवासी क्षेत्रों में विकास को प्राथमिकता देते हुए उन्होंने कहा कि "बारिश के दौरान किसी भी आदिवासी को बेदखल नहीं किया जाएगा।"

जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह ने स्पष्ट किया कि दिसंबर 2005 की सैटेलाइट इमेज के आधार पर ही पट्टों की वैधता तय की जाएगी।

◼️ मैहर में बनेगी नई जनपद पंचायत
प्रश्नोत्तर काल के दौरान पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल ने बताया कि मैहर विधानसभा क्षेत्र में एक नई जनपद पंचायत के गठन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। हालांकि, आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई होगी और कोई निश्चित समयसीमा अभी तय नहीं की गई है।

◼️ खाद की किल्लत पर सफाई
भाजपा विधायक संदीप जायसवाल द्वारा खाद की कमी का मुद्दा उठाने पर कृषि मंत्री ऐदल सिंह कसाना ने कहा कि राज्य में खाद की कोई कमी नहीं है और आवश्यक मात्रा में किसानों को खाद उपलब्ध कराया जा रहा है।

◼️ सदन में पेश हुए छह अहम विधेयक
संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, और उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने सदन में छह विधेयक पेश किए:
मध्यप्रदेश महानगर क्षेत्र नियोजन और विकास विधेयक
दुकान एवं स्थापना संशोधन विधेयक 2025
मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान संशोधन विधेयक
विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2025
कारखाना संशोधन विधेयक 2025
विधिक सहायता निरसन विधेयक 2025

◼️ शिक्षा क्षेत्र में बड़े बदलाव
उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने घोषणा की कि विक्रम विश्वविद्यालय का नाम बदलकर अब सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि अब भारतीय भाषाओं और संस्कृति आधारित दीक्षांत समारोह आयोजित किए जाएंगे और 15 अगस्त तक कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने नाम बदलने के खर्च और शिक्षा की कार्य योजना पर सवाल उठाए, लेकिन विधेयक का समर्थन भी किया।

◼️ आदिवासी क्षेत्रों में भेदभाव का आरोप
कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया ने सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि कुपोषित बच्चों पर ₹8 खर्च किए जा रहे हैं, जबकि मंत्रियों के नाश्ते पर प्रतिदिन ₹19,000 खर्च हो रहे हैं। उन्होंने इसे आदिवासियों के साथ भेदभाव करार दिया।

◼️ सिंगरौली में बैंक की मांग
भाजपा विधायक रामनिवास शाह ने सिंगरौली में केंद्रीय सहकारी बैंक की स्थापना की मांग की। इस पर सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि जहां मुख्यालय नहीं हैं वहां क्षेत्रीय कार्यालय खोले जाएंगे और नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे।

◼️ फर्जी सॉल्वेंसी प्रकरण और कार्रवाई
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने शिक्षा विभाग में फर्जी सॉल्वेंसी का मुद्दा उठाया। उच्च शिक्षा मंत्री ने जवाब में बताया कि अमन एजुकेशन सोसायटी के कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी गई है और एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

◼️ संसदीय मर्यादा और संचालन
सदन की कार्यवाही के दौरान स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष दोनों को सुनना लोकतंत्र की भावना है। संसदीय कार्य मंत्री विजयवर्गीय ने भी नियमों की समानता का समर्थन किया।

◼️ अगली कार्यवाही
मंगलवार को दो विधेयक और पेश किए जाएंगे:
मध्य प्रदेश मोटरयान कराधान संशोधन विधेयक 2025
विधिक सहायता तथा विधिक सलाह निरसन विधेयक 2025

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