
25 अगस्त 2025। भारत ने अपनी वायु सुरक्षा क्षमता को और मजबूत करते हुए एकीकृत बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली का सफल परीक्षण किया है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस प्रणाली ने अलग-अलग ऊँचाई और दूरी पर मौजूद तीन हवाई लक्ष्यों को एक साथ नष्ट कर अपनी दक्षता साबित की।
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, उड़ान परीक्षणों के दौरान दो उच्च गति वाले मानवरहित हवाई वाहन और एक मल्टी-हेलीकॉप्टर ड्रोन को निशाना बनाकर गिराया गया। यह सफलता त्वरित प्रतिक्रिया सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (QRSAM), अति लघु दूरी वायु रक्षा प्रणाली (VSHORADS) और उच्च-ऊर्जा लेज़र हथियार प्रणाली की संयुक्त क्षमता से हासिल की गई।
"मिशन सुदर्शन चक्र" के तहत बड़ी उपलब्धि
यह परीक्षण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस घोषणा के बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने देश की सैन्य व नागरिक अवसंरचना को हवाई खतरों से बचाने के लिए अगले दस वर्षों में स्वदेशी "वायु रक्षा कवच" विकसित करने का लक्ष्य रखा है। यह योजना "मिशन सुदर्शन चक्र" का हिस्सा है, जिसके तहत आक्रामक क्षमताओं से लैस एकीकृत प्रणाली विकसित की जा रही है।
सभी घटक दिखाए "शानदार परिणाम"
मंत्रालय ने कहा कि नई प्रणाली के सभी घटक – मिसाइल प्रणालियाँ, ड्रोन पहचान और निष्क्रियकरण सिस्टम, कमान एवं नियंत्रण नेटवर्क, साथ ही उन्नत संचार और रडार प्रणाली – ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
हाल की रक्षा तैयारियों का हिस्सा
गौरतलब है कि इसी महीने भारत ने लगभग 7.6 बिलियन डॉलर मूल्य के रक्षा सौदों को मंजूरी दी थी। इसमें ब्रह्मोस मिसाइलों और सशस्त्र ड्रोनों की खरीद, साथ ही वायुसेना के बोइंग विमानों तथा रूस से हासिल की गई एस-400 वायु रक्षा प्रणाली के दीर्घकालिक रखरखाव अनुबंध भी शामिल हैं।
यह परीक्षण भारत की वायु रक्षा को नई मजबूती देते हुए देश की सैन्य क्षमताओं को अगले स्तर पर ले जाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।