
28 अगस्त 2025। भारतीय नौसेना को अपनी युद्ध क्षमता और भी सुदृढ़ करते हुए दो नए स्टील्थ फ्रिगेट्स – आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस हिमगिरि – मंगलवार को बेड़े में शामिल किए गए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इन दोनों स्वदेशी निर्मित युद्धपोतों को विशाखापत्तनम स्थित पूर्वी नौसेना कमान में नौसेना को सौंपा।
ये फ्रिगेट्स नीलगिरि श्रेणी (Nilgiri-class) का हिस्सा हैं और अत्याधुनिक सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस हैं। इनके साथ बेहतर स्टील्थ तकनीक, उन्नत निगरानी रडार, आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली और रैपिड-फायर गन सिस्टम भी मौजूद हैं।
राजनाथ सिंह ने इस मौके पर कहा कि नवीनतम हथियारों और प्रणालियों से सुसज्जित ये पोत हिंद महासागर क्षेत्र में न केवल भारत की सुरक्षा क्षमता को बढ़ाएँगे, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता एवं भारत की "पहले प्रतिक्रिया देने वाले और विश्वसनीय साझेदार" की भूमिका को और मजबूत करेंगे।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, आईएनएस उदयगिरि और हिमगिरि के शामिल होने से नौसेना के पास अब 20 स्टील्थ फ्रिगेट्स और 13 विध्वंसक पोतों पर 300 से अधिक ब्रह्मोस मिसाइलें तैनात हो चुकी हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार की योजना है कि 2030 तक पूरा नौसैनिक बेड़ा ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस हो।
Multi-mission stealth frigates - INS Udaygiri & INS Himgiri - commissioned into @indiannavy in the presence of Raksha Mantri @rajnathsingh in Vizag
— PIB India (@PIB_India) August 26, 2025
Equipped with next-gen weapons & systems, the ships to enhance Navy’s ability to safeguard national interests across full spectrum… pic.twitter.com/GrFd87axdf
ब्रह्मोस मिसाइलों का निर्माण ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा किया जाता है, जो भारत और रूस का संयुक्त उपक्रम है। इसमें भारत के डीआरडीओ (Defence Research and Development Organisation) की 50.5% और रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया की 49.5% हिस्सेदारी है।
भारत-रूस के लंबे रक्षा सहयोग को दर्शाते हुए, पिछले महीने रूस ने भारत को आईएनएस तमाल सौंपा था, जो क्रिवाक-श्रेणी का आठवाँ पोत है और वह भी ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस है।
राजनाथ सिंह के शब्दों में – “आईएनएस उदयगिरि और हिमगिरि की यात्रा, भारत के गौरव और सामरिक आत्मनिर्भरता की यात्रा है।”