
1 सितंबर 2025। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के 25वें राष्ट्राध्यक्ष परिषद सम्मेलन में आतंकवाद के खिलाफ साझा और स्पष्ट रुख अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से लड़ाई में किसी भी प्रकार का "दोहरा मापदंड" अस्वीकार्य है और सदस्य देशों को एकजुट होकर इसके सभी रूपों का विरोध करना चाहिए।
मोदी ने अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का उल्लेख किया, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। उन्होंने कहा, "कई मित्र देश भारत के साथ खड़े हैं। अब समय है कि हम स्पष्ट और सर्वसम्मति से कहें कि आतंकवाद पर दोहरे मानदंड स्वीकार नहीं होंगे।"
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने परोक्ष रूप से पाकिस्तान का जिक्र करते हुए सवाल उठाया कि, "क्या आतंकवाद का खुलेआम समर्थन करने वाला कोई देश हममें से किसी के लिए भी स्वीकार्य हो सकता है?"
एससीओ का संयुक्त बयान
सम्मेलन के बाद जारी संयुक्त घोषणा में सदस्य देशों ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की निंदा की और कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में "दोहरा मापदंड अस्वीकार्य" है। उन्होंने सीमा पार से होने वाली आतंकवादी गतिविधियों पर चिंता जताई और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मिलकर कार्रवाई करने का आह्वान किया।
कनेक्टिविटी पर भारत का रुख
क्षेत्रीय संपर्क पर बोलते हुए मोदी ने संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर ज़ोर दिया। उन्होंने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) का उल्लेख करते हुए भारत की आपत्तियाँ दोहराईं, क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है।
हालाँकि, मोदी ने यह भी कहा कि कनेक्टिविटी विकास और विश्वास की आधारशिला है। उन्होंने भारत की पहलों – चाबहार बंदरगाह और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे – का उल्लेख किया और कहा कि इससे अफ़ग़ानिस्तान और मध्य एशिया के साथ संपर्क बेहतर होगा।
शी जिनपिंग का संदेश
रविवार को अपने उद्घाटन भाषण में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सदस्य देशों से "मतभेद दरकिनार कर साझा आधार खोजने" और "पारस्परिक लाभ वाले परिणामों" को आगे बढ़ाने की अपील की।