
6 सितंबर 2025। व्लादिवोस्तोक में पूर्वी आर्थिक मंच के दौरान रूस ने भारत के साथ नागरिक विमान निर्माण में साझेदारी की इच्छा जताई है। रूसी उद्योग और व्यापार उप-मंत्री एलेक्सी ग्रुज़देव ने शुक्रवार को कहा कि दोनों देश अगली पीढ़ी के विमानों और इंजनों के विकास की दिशा में अपने प्रयासों को तेज़ कर रहे हैं।
भारत-रूस व्यापार वार्ता में ग्रुज़देव ने कहा, “हम अपने दृष्टिकोणों में गहरी पूरकता देखते हैं, जो नागरिक उड्डयन क्षेत्र में व्यापक सहयोग का मार्ग खोलती है।”
सैन्य विमानों पर भी बातचीत
नागरिक उड्डयन के साथ ही दोनों देशों के बीच सैन्य विमानों में सहयोग पर भी चर्चा चल रही है। हाल ही में एएनआई ने रिपोर्ट दी थी कि रूस भारत में सुखोई एसयू-57 लड़ाकू विमान के संयुक्त निर्माण के संभावित निवेश विकल्पों पर विचार कर रहा है।
भारत को फिलहाल पाँचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के कम से कम दो स्क्वाड्रन की आवश्यकता है। इनमें रूस के एसयू-57 और अमेरिका के एफ-35 प्रमुख विकल्प माने जा रहे हैं। हालांकि, ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत ने इस वर्ष फरवरी में अमेरिका को स्पष्ट कर दिया था कि वह एफ-35 खरीदने के पक्ष में नहीं है। नई दिल्ली संयुक्त डिज़ाइन और निर्माण आधारित साझेदारी को प्राथमिकता दे रही है।
रेलवे इंजीनियरिंग में नए अवसर
ग्रुज़देव ने भारत-रूस सहयोग का एक और संभावित क्षेत्र रेलवे इंजीनियरिंग बताया। इसमें रेलवे ट्रैक का आधुनिकीकरण, नई लाइनों का निर्माण, डिजिटल प्रणालियों का विकास और रोलिंग स्टॉक की आपूर्ति शामिल है।
उन्होंने यह भी कहा कि रूसी कंपनियां भारत की राष्ट्रीय नीतियों का सम्मान करते हुए स्थानीयकरण कार्यक्रमों में भाग लेने और साझेदारों के साथ सहयोग के लिए पूरी तरह तैयार हैं।