
9 सितंबर 2025। काठमांडू में भ्रष्टाचार और बेरोज़गारी के खिलाफ छिड़े विरोध प्रदर्शनों ने नेपाल की राजनीति को हिला दिया है। हिंसक प्रदर्शनों में अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 500 लोग घायल हुए हैं। हालात बिगड़ने पर प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली और तीन मंत्रियों ने इस्तीफ़ा दे दिया।
सोमवार को सरकार ने फेसबुक, यूट्यूब और एक्स समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाया था। अधिकतर किशोर और युवा नेतृत्व वाले इन प्रदर्शनों ने इसी कदम के बाद तूल पकड़ा। प्रदर्शनकारियों ने संसद की ओर कूच किया और प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसने की कोशिश की। झड़पों में पुलिस को गोलियां चलानी पड़ीं, आंसू गैस और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया।
सरकार के पाबंदी हटाने के बाद भी स्थिति नहीं संभली। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन और नेपाली कांग्रेस कार्यालय में आग लगा दी। कई वरिष्ठ नेताओं के घरों और देश के सबसे बड़े मीडिया समूह के मुख्यालय को भी निशाना बनाया गया। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कुछ पूर्व वरिष्ठ मंत्रियों को भीड़ ने सड़कों पर घुमाकर पीटा।
अधिकारियों का कहना है कि मृतकों में ज़्यादातर युवा शामिल हैं, जबकि घायलों में 100 से अधिक पुलिसकर्मी हैं। एक प्रदर्शनकारी ने एएफपी को बताया, “हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन सरकार ने हमें हिंसा से जवाब दिया।”
बिगड़ते हालात पर सेना ने शांति की अपील की है। भारत ने भी घटनाक्रम पर चिंता जताई है। विदेश मंत्रालय ने कहा, “एक घनिष्ठ मित्र और पड़ोसी के रूप में हम उम्मीद करते हैं कि सभी पक्ष संयम बरतेंगे और बातचीत से समाधान निकालेंगे। कई युवाओं की मौत पर हमें गहरा दुख है।”
❗️Kathmandu Protests: NINE Fatalities As Gen-Z Demonstration Turns Violent - Police
— RT_India (@RT_India_news) September 8, 2025
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