
कर अनुपालन एवं प्रशासन तथा निवेश और आर्थिक वृद्धि में सुधार होगा
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि अमरीका में राजकोषीय प्रोत्साहन के कारण वैश्विक जीडीपी में बढ़ोतरी होने की संभावना है, लेकिन साथ ही यह संकेत भी दिया गया है कि इसमें बहुत जोखिम हैं।
आर्थिक सर्वेक्षण : अत्यधिक ऋण-ग्रस्त कंपनियों के दोहरे तुलनपत्रकों और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के खराब ऋणों के बढ़ते बोझ की समस्या का करना महत्वपूर्ण है.
संसद में आज पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 में कहा गया है कि सुदृढ़ बृहत् आर्थिक स्थिरता की पृष्ठभूमि में वर्ष के दौरान दो प्रमुख घरेलू नीतिगत घटनाएं हुईं-संविधान संशोधन पारित होने से ऐतिहासिक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने का मार्ग प्रशस्त होना और दो बड़े नोटों का विमुद्रीकरण। जीएसटी से एक साझा भारतीय बाज़ार का निर्माण होगा और कर अनुपालन एवं प्रशासन तथा निवेश और आर्थिक वृद्धि में सुधार होगा। जीएसटी भारत के सहकारी संघवाद के प्रबंधन में एक नया ठोस प्रयोग भी है।
आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 में कहा गया है कि विमुद्रीकरण की लागत अल्पकालिक है और इससे दीर्घकालिक लाभ प्राप्त होंगे। सरकार ने इन लाभों को अमली जामा पहनाने के लिए अनेक अनुवर्ती उपाय किए हैं, इनमें पुन: मुद्रीकरण, करों में और सुधार आदि शामिल हैं। उम्मीद की जा रही है कि इन उपायों से 2017-18 में बढ़ोतरी की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलेगा। जिससे यह भी संभव है कि 2016-17 में आयी अस्थायी कमी के बाद अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की सबसे तेजी से विकास वाली अर्थव्यवस्था हो जायेगी।
आर्थिक सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि अमरीका में राजकोषीय प्रोत्साहन के कारण वैश्विक जीडीपी में बढ़ोतरी होने की संभावना है, लेकिन साथ ही यह संकेत भी दिया गया है कि इसमें बहुत जोखिम हैं।
रिपोर्ट के अनुसार लघु अवधि की प्रमुख बृहत्-आर्थिक चुनौती विकास के प्रमुख संचालकों के रूप में निजी निवेश और निर्यात को पुन: स्थापित करना और सरकारी एवं निजी खपत पर निर्भरता कम करना है। इसमें कहा गया है कि अत्यधिक ऋण-ग्रस्त कंपनियों के दोहरे तुलनपत्रकों और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के खराब ऋणों के बढ़ते बोझ की समस्या हल करना भी अत्यन्त महत्वपूर्ण है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत को जनसांख्यिकीय दृष्टि से लाभ प्राप्त होने की संभावना है, चूंकि अगले तीन वर्षों में भारत की काम करने योग्य आबादी में तीन गुणा बढ़ोतरी होने जा रही है। अगले पांच वर्षों में यह जनसांख्यिकीय लाभ अपने चरम पर पहुंच जायेगा।
रिपोर्ट के अनुसार स्वच्छ भारत अभियान गंभीर नीति का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य सुरक्षित और पर्याप्त सफाई सुविधाएं, जलआपूर्ति और स्वच्छता की व्यवस्था करना है।