भोपाल: 18 मई 2024। यूरोपीय संघ (ईयू) ने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर बच्चों को हानिकारक सामग्री से बचाने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए जांच शुरू की है। आयोग का दावा है कि इन प्लेटफार्मों के एल्गोरिदम "नाबालिगों की कमजोरियों का फायदा उठा सकते हैं और व्यसनी व्यवहार का कारण बन सकते हैं"।
जांच के मुख्य बिंदु:
बच्चों को हानिकारक सामग्री तक पहुंच: ईयू का मानना है कि फेसबुक और इंस्टाग्राम बच्चों को अनुचित सामग्री, जैसे हिंसा, घृणास्पद भाषण और यौन सामग्री तक पहुंचने से रोकने के लिए पर्याप्त नहीं कर रहे हैं।
व्यसनी एल्गोरिदम: आयोग का दावा है कि इन प्लेटफार्मों के एल्गोरिदम "खरगोश छेद प्रभाव" पैदा करते हैं, जो उपयोगकर्ताओं को चरम और हानिकारक सामग्री की ओर ले जाता है।
अप्रभावी आयु सत्यापन: ईयू का मानना है कि मेटा के आयु-सत्यापन उपकरण नाबालिगों को प्लेटफार्मों का उपयोग करने से रोकने में विफल हैं।
संभावित परिणाम:
जुर्माना: यदि मेटा डीएसए का उल्लंघन करने वाला पाया जाता है, तो उसे अपने वार्षिक वैश्विक कारोबार का 6% तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
अन्य उपाय: ईयू मेटा को अपने प्लेटफार्मों पर सुधार करने के लिए बाध्य कर सकता है, जैसे कि हानिकारक सामग्री को हटाने के लिए अधिक करना और बच्चों के लिए सुरक्षा उपायों को मजबूत करना।
मेटा का रुख:
मेटा ने इन आरोपों को गलत बताया है और कहा है कि वह बच्चों की सुरक्षा के लिए "50 से अधिक उपकरण और नीतियां" विकसित करने में एक दशक से अधिक समय बिता रहा है।
यह जांच महत्वपूर्ण क्यों है:
यह जांच सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर बच्चों की सुरक्षा के मुद्दे पर प्रकाश डालती है। यदि ईयू मेटा के खिलाफ फैसला सुनाता है, तो इसका सोशल मीडिया उद्योग पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है।
डिजिटल सेवा अधिनियम (डीएसए): यह एक नया यूरोपीय कानून है जिसका उद्देश्य ऑनलाइन उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा करना और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को जवाबदेह बनाना है।
बहुत बड़े ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म (वीएलओपी): ये ऐसे प्लेटफ़ॉर्म हैं जिनके पास यूरोपीय संघ में कम से कम 45 मिलियन मासिक सक्रिय उपयोगकर्ता हैं। उन्हें डीएसए के तहत सख्त दायित्वों का पालन करना होगा।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह अभी भी एक जांच है और मेटा को दोषी नहीं ठहराया गया है।
यूरोपीय संघ: फेसबुक और इंस्टाग्राम बच्चों को नशे की लत लगा सकते हैं, जांच शुरू
Location:
भोपाल
👤Posted By: prativad
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