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मध्य प्रदेश विधानसभा: तीसरे दिन चार विधेयक पारित, संस्कृत संवर्धन पर चर्चा, कांग्रेस का विरोध जारी

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 302

30 जुलाई 2025। मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का बुधवार को तीसरा दिन रहा। इस दौरान सदन में चार संशोधन विधेयक पारित किए गए और संस्कृत भाषा के संरक्षण-संवर्धन पर विशेष चर्चा हुई। वहीं विपक्षी कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए विभिन्न मुद्दों को लेकर सदन के भीतर और बाहर आक्रोश जताया।

✅ सदन में चार संशोधन विधेयक पारित
उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने मध्य प्रदेश विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक सदन में प्रस्तुत किया। साथ ही वित्त मंत्री व उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने भारतीय स्टांप (मप्र संशोधन) विधेयक, रजिस्ट्री (मप्र संशोधन) विधेयक और भारतीय स्टांप (मप्र द्वितीय संशोधन) विधेयक पेश किए। चर्चा के उपरांत सभी विधेयक बहुमत से पारित हो गए।

◼️ संस्कृत भाषा पर विशेष चर्चा, मंत्री ने संस्कृत में दिया जवाब
भाजपा विधायक अभिलाष पांडे ने संस्कृत भाषा के व्यावसायिक और शैक्षणिक संवर्धन पर स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने संस्कृत में ही ध्यानाकर्षण प्रस्तुत किया, जिस पर मंत्री ने भी संस्कृत भाषा में उत्तर दिया।
मंत्री ने बताया कि सरकारी आवासीय स्कूलों में संस्कृत पढ़ने वाले विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी जाती है। वर्ष 2024-25 में 3500 विद्यार्थियों को इसका लाभ मिला। विधायक पांडे ने सरकार से पूछा कि नई शिक्षा नीति में हिंदी और अंग्रेजी को तो बढ़ावा मिल रहा है, लेकिन संस्कृत को व्यावसायिक रूप से क्यों नहीं बढ़ाया जा रहा?

◼️ वर्षिक प्रतिवेदन पटल पर रखे गए
उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने प्रोविडेंट इन्वेस्टमेंट कंपनी लिमिटेड के वर्ष 2018-19, 2019-20, 2020-21 के वार्षिक प्रतिवेदन पटल पर रखे।

उच्च शिक्षा मंत्री ने राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय छिंदवाड़ा और मप्र निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के प्रतिवेदन सदन में रखे।

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने मप्र विद्युत नियामक आयोग की अधिसूचना और मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड का 22वां वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।

◼️ पिछोर को जिला बनाने की मांग दोहराई
प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक प्रीतम लोधी ने पिछोर को जिला बनाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यह प्रश्न कई बार पूछा गया, लेकिन अब तक कोई ठोस उत्तर नहीं मिला। इस पर राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने कहा कि मामला राज्य प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग के विचाराधीन है।

◼️ भाजपा विधायक ने कांग्रेस के विरोध को बताया 'राजनीतिक नौटंकी'
भाजपा विधायक शैलेंद्र जैन ने कहा कि कांग्रेस अगर वाकई जनता के मुद्दों को लेकर गंभीर है, तो उसे सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेना चाहिए, न कि परिसर में हंगामा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आदिवासी हितों को लेकर राज्य सरकार संवेदनशील है और ठोस कदम उठा रही है।

◼️ सड़क और विकास पर 100 करोड़ से अधिक का बजट
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने मंगलवार को सदन में अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया, जिसमें राज्य की सड़कों के विकास व मरम्मत हेतु 100 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया। साथ ही स्वास्थ्य, पुलिस, नगरीय विकास सहित विभिन्न क्षेत्रों में भी अतिरिक्त बजट का प्रस्ताव रखा गया।

◼️ कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी
मानसून सत्र के पहले दिन से ही कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन जारी है। पहले दिन कांग्रेस विधायकों ने ओबीसी आरक्षण का मुद्दा उठाते हुए तख्तियां और गिरगिट के खिलौनों के साथ प्रदर्शन किया। मंगलवार को भैंस की ड्रेस पहनकर और बीन बजाकर विरोध जताया गया।

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