
28 अगस्त 2025। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के बढ़ते इस्तेमाल ने डेटा प्रबंधन की तस्वीर बदल दी है। आज के एआई-आधारित अनुप्रयोगों को जटिल और आपस में जुड़े डेटा की ज़रूरत होती है। ऐसे में ग्राफ़ डेटाबेस और नॉलेज ग्राफ़ सबसे आगे आकर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
मुख्य बातें
एआई-संचालित ग्राफ़ डेटाबेस बाज़ार करीब 25% की वार्षिक दर से बढ़ रहा है।
नॉलेज ग्राफ़, एआई मॉडल को संदर्भ और विज़ुअल गाइडेंस देने में मदद करते हैं।
कई समर्पित टेक कंपनियां इस क्षेत्र में निवेश कर रही हैं।
पिछले दशक में डेटाबेस टेक्नोलॉजी में बड़े बदलाव देखे गए हैं—NoSQL से लेकर डॉक्युमेंट और वेब-आधारित डेटाबेस तक। अब, जनरेटिव एआई और बैकएंड सिस्टम की तेज़ी ने ग्राफ़ डेटाबेस को नए सिरे से आगे ला दिया है।
2024 के अंत में गार्टनर के एक आकलन के मुताबिक, ग्राफ़ डेटाबेस तकनीक पर खर्च अगले पाँच सालों में 26% से अधिक की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ेगा, जबकि समग्र डेटाबेस बाज़ार की वृद्धि 16% प्रति वर्ष अनुमानित है। बिज़नेस रिसर्च कंपनी 2025 के लिए 24% वृद्धि का अनुमान देती है।
क्यों हैं ये ज़रूरी?
एआई को विशाल और विविध डेटा चाहिए—संरचित (structured) और असंरचित (unstructured) दोनों। यही डेटा पैटर्न और रिश्तों में बुना जाता है, जिससे एआई बेहतर निष्कर्ष निकाल पाता है।
इंटेलेक्टिया एआई के सह-संस्थापक व CTO टोनी टोंग के अनुसार, "पारंपरिक रिलेशनल डेटाबेस एआई की अर्थ-समझ और तर्क क्षमता को सपोर्ट करने में सीमित हैं।"
डेटा² के CTO डैनियल बुकोव्स्की ने अंतर समझाते हुए कहा, “ग्राफ़ डेटाबेस कनेक्शन खोजने का इंजन है, जबकि नॉलेज ग्राफ़ स्वयं डेटा का विज़ुअल प्रतिनिधित्व है—यानि डेटाबेस का नतीजा।”
एआई एप्लिकेशन और ग्राफ़ डेटाबेस
नॉलेज ग्राफ़, एआई को वास्तविक दुनिया के संबंध और संदर्भ समझने में सक्षम बनाते हैं। इससे सिस्टम सवालों के जवाब अधिक सटीकता और गहराई से दे पाते हैं।
Amazon AI की वरिष्ठ प्रोडक्ट मैनेजर शाल्वी सिंह ने बताया कि, “ग्राफ़-आधारित तकनीक का उपयोग रीयल-टाइम एनालिटिक्स, फ्रॉड डिटेक्शन, रिटेल और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहा है। नॉलेज ग्राफ़ बड़े भाषा मॉडल्स को बेहतर संदर्भ और संरचित तर्क प्रदान करते हैं।”
AI की तेजी से बढ़ती मांग ने ग्राफ़ डेटाबेस को डेटा बैकएंड के लिए ‘गोल्ड स्टैंडर्ड’ बना दिया है। आने वाले वर्षों में यह सिर्फ तकनीकी पसंद नहीं, बल्कि एआई इकोसिस्टम की ज़रूरत बनने वाला है।
— दीपक शर्मा